प्रपन्नामृत – द्वितीय अध्याय

भगवद्रामानुजाचार्य का अवतार

  • तोंडीर प्रदेश में सर्वसम्पन्न भूतपुरी नामक एक नगरी है।
  • इसी नगरीमें सर्वगुणविभूषित हारीत कुलोद्भूत केशवाचार्य नामक भगवद् ध्यान निमग्न वैष्णवोत्तम ब्राह्मण निवास करते थे। उनकी धर्मपत्नी कीन्तिमती देवी थी।
  • एक दिन भगवान पार्थसारथी नें उन्हे स्वप्न दिया की, “मैं ही अपने अंश से आपके पुत्र के रूप में अवतार लूँगा।
  • चैत्र शुक्ल पंचमी को आर्द्रा नक्षत्रमें श्री रामानुज स्वामीजी का अवतार हुवा।
  • रामानुज स्वामीजी के मामाजी श्री शैलपूर्ण स्वामीजी ने रामानुज को चक्रांतित करवाया।
  • रामानुज स्वामीजी की दिव्य विशेषताओं को देखकर विद्वान ब्राह्मणोंने यह घोषित करदिया की यह शिशु श्री शेषजी का अवतार है।

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