प्रपन्नामृत – अध्याय 12
श्रीरामानुजाचार्य द्वारा पत्नी का परित्याग
🔸महापुर्ण स्वामीजी सपत्निक श्री रामानुजाचार्य के यहाँ रहते थे।
🔸 एक बार रामानुजाचार्य की पत्नी रक्षकाम्बा जल लाने कुँए पर गयी। उसी जगह श्रीमहापुर्णाचार्य की पत्नी भी जल लाने कुँए पर आयी थी।
🔸 अपना अपना घडा कुँए से निकालते समय महापुर्ण स्वामीजी के पत्नी के घडे के जल के कुछ छींटे रक्षकाम्बा के घडेपर पड़ गये।
🔸 इससे क्रुद्ध होकर रक्षकाम्बा ने आचार्य पत्नी को उनके जाति कुल को लेकर अपशब्द सुनाये।
🔸 इस घटना को सुनकर रामानुजाचार्य को दु:ख होगा यह सोचकर महापुर्ण स्वामीजी बिना कुछ बोले सकुटुम्ब श्रीरंगम के लिये प्रयाण कर दिये।
🔸 रामानुजाचार्य को जब यह पता चला तो यह असह्य आचार्य अपचार नही सह सके।
🔸एक दिन युक्ति से अपनी पत्नी को उनके पिता के घर भेजकर स्वयं सन्यासाश्रम स्वीकार करनेकी तैय्यारी करने लगें।