प्रपन्नामृत – अध्याय ७०
श्रीभट्टार्य का विजय 🔹श्री पराशर भट्टार्य समस्त शिष्योंके साथ श्रीरंग पट्टण के समीप पहुँचे। 🔹एक ब्राह्मण ने उन्हे कहा की अगर वेदान्ति को मिलना है तो समस्त वैभव को त्यागकर एक याचक के रुपमें उनके अन्नक्षेत्र में मिलें। अन्यथा मिलना दुष्कर होगा। 🔹श्री पराशर भट्टार्य याचक के रुपमें वहाँ गये और वेदान्ति से बोले, “मैं … Read more