प्रपन्नामृत – अध्याय ३०
प्रपन्नामृत – अध्याय ३० यतिराज का श्री शैलपुर्णाचार्य स्वामीजी से रामायण का अर्थ सुनना भाग – १ श्रीरामानुजाचार्य वेंकटाचल को प्रणाम कर चढना प्रारम्भ किये श्रीशैलपुर्णाचार्य स्वामीजी स्वयं अगवानी करके स्वागत के लिये आये रामानुजाचार्य ने पुछा आप स्वयं क्यों आये? किसी बालक को भेजदेते तो श्रीशैलपुर्णाचार्य बोले “मुझे छोड़कर वेंकटाचलमें कोई बालक नही” विविध … Read more