प्रपन्नामृत हिन्दी संक्षिप्त

॥ श्री: ॥
॥ श्रीमते रामानुजाय नमः ॥
॥ श्रीमद्वरवरमुनयेनमः ॥
॥ श्रीवानाचलमहामुनयेनमः ॥
॥ श्रीवादिभीकरमहागुरुवेनमः ॥

प्रपन्नामृत

मूल लेखक: श्री आन्ध्रपूर्ण कुलोत्पन्न उभय वेदान्त के प्रकाण्ड विद्वान् श्रीमदनन्ताचार्य स्वामीजी

सम्पादक: जगद्गुरु रामानुजाचार्य वेदान्त मार्तण्ड यतीन्द्र स्वामीजी श्री रामनारायणाचार्यजी स्वामीजी महाराज

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विशेषत: इस ग्रंथमें
१ स्वाचार्य
२ वरवरमुनीन्द्राचार्य
३ श्रीमद्यतीन्द्र रामानुजाचार्य
४ श्री शठकोप स्वामीजी और
५ भगवान श्रीमन्नारायण

इन पांच रत्नोंका उल्लेख होनेके कारण यह ग्रंथ पञ्चरत्न प्रकाशक भी कहा जाता है।

भगवत् शरणागतिनिष्ठ प्रपन्न श्रीवैष्णवोंके लिये अमृत के समान पूर्वाचार्योंका सुमधुर चरित्र होने के कारण इसका नाम प्रपन्नामृत है।

Posted By: राजेन्द्र रामानुजदास

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