यतिराज विंशति

॥ अस्मद् गुरुभ्यो नम: ॥         ॥ श्रीमद् वरवरमुनये नमः ॥          ॥ श्रीमते रामानुजाय नमः ॥

सियाराम ही उपाय   सियाराम ही उपेय

श्रीमद् वरवर मुनीन्द्र अनुगृहीत

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यतिराज विंशति
(नैच्यानुसंधान एवं स्वस्वरूप का द्योतक ग्रंथ)

 श्रीकांची प्रतिवादिभयंकर जगदाचार्य सिंहासनाधीश
श्रीमदण्णंगराचार्यस्वामी विरचित टीका

 प्रकाशक: श्री श्री वैकुण्ठाचार्य बुक ट्रस्ट (निर्माणाधीन), नई दिल्ली

प्रकाशन वर्ष: २००६

  1. अवतारिका
  2. तनियन् श्लोक
  3. श्लोक 1
  4. श्लोक 2

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