श्रीवचनभूषण – सूत्रं २८

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्रीवानाचल महामुनये नम:

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अवतारिका

आगे, श्रीपिळ्ळै लोकाचार्य स्वामीजी अपनाये जाने वाली विधि में प्रतिबंध का अभाव दर्शाते हैं।

सूत्रं – २८

प्रकार नियति इल्लै ऎन्नुमिडम् ऎङ्गुम् काणलाम् ।

सरल अनुवाद

अपनाये जाने वाली विधि पर कोई प्रतिबंध नहीं है, यह सर्वत्र देखा जा सकता है।

व्याख्यान

प्रकार नियति …

ऎङ्गुम् काणलाम् दिखाता है कि यह उन लोगों में देखा जा सकता है जो प्रपत्ती करते हैं और जो प्रपत्ती के निर्देश सुनते हैं

अडियेन् केशव रामानुज दास

आधार: https://granthams.koyil.org/2021/01/06/srivachana-bhushanam-suthram-28-english/

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