श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्रीवानाचल महामुनये नम:
<< पूर्व
अवतारिका
जब पूछा गया कि “यह आज तक सफल क्यों नहीं हुआ?” श्रीपिळ्ळै लोकाचार्य स्वामीजी उत्तर देते हैं।
सूत्रं – ६८
अदु पलिप्पदु इवन् निनैवु माऱिनाल्।
सरल अनुवाद
यह तभी फलीभूत होगा, जब चेतन का विचार बदलेगा।
व्याख्या
अदु पलिप्पदु इवन् निनैवु माऱिनाल्।
अर्थात् – भगवान का विचार परिणाम की ओर तब ले जाएगा, यदि चेतन के स्वयं की रक्षा करने का विचार बदल जाता है [अर्थात्, यदि वह ऐसे विचार को त्याग देता है]।
अडियेन् केशव रामानुज दास
आधार: https://granthams.koyil.org/2021/03/20/srivachana-bhushanam-suthram-68-english/
संगृहीत- https://granthams.koyil.org/
प्रमेय (लक्ष्य) – https://koyil.org
प्रमाण (शास्त्र) – https://granthams.koyil.org
प्रमाता (आचार्य) – https://acharyas.koyil.org
श्रीवैष्णव शिक्षा/बालकों का पोर्टल – http://pillai.koyil.org