श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्रीवानाचल महामुनये नम:
अवतारिका
जब उनसे पूछा गया कि, “क्या यही (सांसारिक सुखों के दोषों को देखना) अरुचि का मुख्य कारण है?” तो श्रीपिळ्ळै लोकाचार्य स्वामीजी दयापूर्वक समझाते हैं।
सूत्रं – १०६
अदु प्रधान हेतु अन्ऱु।
सरल अनुवाद
यह प्राथमिक कारण नहीं है।
व्याख्या
अदु …
प्रधान हेतु अन्ऱु
इसका तात्पर्य है कि “यह भी एक कारण है, किंतु मुख्य कारण नहीं है”।
अडियेन् केशव रामानुज दास
आधार: https://granthams.koyil.org/2021/05/21/srivachana-bhushanam-suthram-106-english/
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