श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्रीवानाचल महामुनये नम:
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अवतारिका
जब पूछा गया कि “उसके मन में ऐसा विचार कब आता है?” श्रीपिळ्ळै लोकाचार्य स्वामीजी उत्तर देते हैं।
सूत्रं – ६७
अदुदान् ऎप्पोदुम् उण्डु।
सरल अनुवाद
वही (विचार) निरंतर है।
व्याख्या
अदुदान् ऎप्पोदुम् उण्डु।
ऎप्पोदुम्
सदा, निरंतर- जब चेतन भगवान से दूर जाने के अवसर की खोज में घूम रहा था और आज [जब चेतन भगवान के प्रति समर्पण कर रहा है], बिना किसी अंतर के, हर समय।
अडियेन् केशव रामानुज दास
आधार: https://granthams.koyil.org/2021/03/19/srivachana-bhushanam-suthram-67-english/
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