द्रमिडोपनिषद प्रभाव् सर्वस्वम् 20
श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः द्रमिडोपनिषद प्रभाव् सर्वस्वम् << भाग 19 मूल लेखन – पेरुमाल कोइल श्री उभय वेदांत प्रतिवादि अन्नन्गराचार्य स्वामी श्रीभाष्यमङ्गलश्लोक का अनुभव – भाग १ अनन्त विभूषित जगद्गुरु महान् आचार्य श्री रामानुजाचार्य द्वारा विचरित यह श्लोक सभी भक्तों के लिये लोकप्रिय एवम् सदाबहार अमृत रसपान है अखिल-भुवन-जन्म-स्थेम-भङ्गादिलीले … Read more