चरमोपाय निर्णय – श्री रामानुज स्वामीजी ही उद्धारक है – 2
॥ श्री: ॥ ॥ श्रीमते रामानुजाय नमः ॥ ॥ श्रीमद्वरवरमुनयेनमः ॥ ॥ श्रीवानाचलमहामुनयेनमः ॥ ॥ श्रीवादिभीकरमहागुरुवेनमः ॥ एक बार श्रीदेवराज मुनि के शिष्य अनंतालवान, इचान, तोंडनूर नम्बी और मरुधुर नम्बी श्री रामानुज स्वामीजी से पूछने लगे कि “ जीवात्मा के लिए आचार्य एक ही रहते है या अनेक, इस शंका का समाधान कीजिये ”। … Read more