श्रीवचनभूषण – सूत्रं ८
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचल महामुनये नम: पूरि शृंखला पूर्व अवतारिका श्रीपिळ्ळैलोकाचार्य स्वामीजी अम्माजी के विषय में तीन गुण कृपा, पारतंत्रय और अनन्यार्हतव को तीन वाक्य में समझाते हैं। सूत्रं ८ पिराट्टि मुऱ्पडप् पिरिन्ददु तन्नुडैय कृपैयै वॆळियिडुगैक्काग, नडुविल् पिरिन्ददु पारतन्त्र्यत्तै वॆळियिडुगैक्काग, अनन्तरम् पिरिन्ददु अनन्यार्हत्वत्तै वॆळियिडुगैक्काग सरल अनुवाद सबसे पहिले … Read more