यतीन्द्र प्रवण प्रभावम् – भाग ५०
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः यतीन्द्र प्रवण प्रभावम् << भाग ४९ आऴ्वार्तिरुनगरि में श्रीवरवरमुनि स्वामीजी के कुटीर में आग लगना श्रीवरवरमुनि स्वामीजी का अक्षुण्ण यश और बढ़ती हुए विभूति को देखकर कुछ दुष्ट उनसे जला करते थे। एक दिन जब वें रात में अकेले अपने कुटीर में ध्यान लगाये हुए थे … Read more