यतीन्द्र प्रवण प्रभावम् – भाग ९३
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः यतीन्द्र प्रवण प्रभावम् << भाग ९२ श्रीवरवरमुनि स्वामीजी कृपाकार आचार्य हृदयम् पर व्याख्या लिखते हैं तत्पश्चात अपने दिव्य शरीर के कमजोरी पर ध्यान ने देते हुए श्रीवरवरमुनि स्वामीजी अपने दिव्य मन में आचार्य हृदयम् (एक प्रबन्ध जिसे श्रीपिळ्ळैलोकाचार्य स्वामीजी के अनुज अऴगियमणवाळप्पेरुमाळ् नायनार् ने रचा था) पर … Read more