कृष्ण लीलाएँ और उनका सार – १२ – ब्रह्मा के अभिमान को दूर करना

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श्रृंखला

<< अघासुर वध (उद्धार)

सभी देवताओं ने श्रीकृष्ण के द्वारा अघासुर का वध हो जाने के पश्चात् (श्रीकृष्ण की) स्तुति की। यह सुनकर ब्रह्मा शीघ्र वहां आए, सब देखकर आश्चर्यचकित हो गये। ब्रह्मा जो भगवान के प्रति समर्पित थे अब तमोगुण प्रधान होने के कारण श्रीकृष्ण से ईर्ष्या करने लगे। उनको विचार आया “एक छोटे से बालक के लिए इतना भारी उत्सव क्यों मनाया जा रहा है।” उसने इस उल्लास में बाधा डालने के बारे में विचार किया।

दोपहर के समय बालकृष्ण और ग्वाल-बाल भोजन पाने के लिए एक साथ बैठे। अब श्रीकृष्ण ने बछड़ों को अनुपस्थित पाया जो कि ब्रह्मा द्वारा पहले ही हरण किए जा चुके थे। श्रीकृष्ण ने सबको अपना-अपना भोजन पाने के लिए कहा और स्वयं बछड़ों को ढूँढ कर लाने के लिए गये। अब ब्रह्मा ने उन बालकों का भी हरण कर लिया। श्रीकृष्ण को यह ज्ञात था, इसलिए स्वयं ही ग्वाल-बालों और बछड़ों का रूप धारण कर लिया। वे सब वन में कुछ समय के लिए रुके तत्पश्चात् नगर की ओर लौट आए।

श्रीकृष्ण के द्वारा ग्वाल-बाल और बछड़ों का रूप धरने पर भी गायें अपने बछड़ों के और माता-पिता अपने बालकों के प्रति बिना किसी अनुभूति के उनके प्रति प्रेम परायण हुए। इसी प्रकार कुछ समय बीतता गया।बलराम ने जब इसके बारे में सोचा, सब ज्ञात होते ही उन्हें परम सन्तोष हुआ।

इस अन्तराल ब्रह्मा सत्यलोक से इस लीला को देखकर आश्चर्यचकित हो गये। श्रीकृष्ण को आनन्दित करते हुए  बछड़े और गोप बालों को देखा। सभी ब्रह्मा को विष्णु रूप में देखा। ब्रह्मा के सत्व गुण (उत्तम गुण) जागृत होने से सत्यलोक से शीघ्र ही आए और श्रीकृष्ण के चरण कमलों में दण्ड की भांति गिर गये। क्षमा के लिए भगवान की स्तुति की। जैसे ही ब्रह्मा ने अभिमान त्यागा, भगवान ने उन्हें क्षमा कर दिया। ब्रह्मा द्वारा गोप-ग्वाल और बछड़े  लौटा देने पर श्रीकृष्ण अपने वास्तविक स्वरूप में आ गए और अत्यन्त करुणामय हो ब्रह्मा का अभिमान भङ्ग कर दिया।

सार-

  • मनुष्य भले ही उंचए पद पर अवस्थित हो ,यदि अभिमान आ जाए तो वह पद से नीचे गिर सकता है इसलिए विनम्रता को बनाए रखना अनिवार्य है।
  • भगवान का सभी आत्माओं से पिता-पुत्र का सम्बन्ध है, इस नाते आत्मा द्वारा त्रुटि हो जाने पर भी भगवान उसे सुधारते हैं और उसको स्वीकार भी करते हैं।

अडियेन् अमिता रामानुजदासी 

आधार – https://granthams.koyil.org/2023/09/10/krishna-leela-12-english/

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