यतीन्द्र प्रवण प्रभावम – भाग २०
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः यतीन्द्र प्रवण प्रभावम << भाग १९ श्रीशैलेश स्वामीजी ने श्रीनालूराच्चान पिळ्ळै को साष्टांग दण्डवत प्रणाम कर उनके समक्ष प्रस्तुत हुए। श्रीनालूराच्चान पिळ्ळै ने उन्हें स्वीकार कर उन्हें ईडु (श्रीसहस्रगीति पर कालक्षेप जिसे श्रीकृष्णपाद स्वामीजी ने श्रीकलिवैरिदास स्वामीजी के कालक्षेप के आधार पर लिखे थे) सिखाना प्रारम्भ किया। … Read more