श्रीवचन भूषण – अवतारिका – भाग १
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचल महामुनये नम: श्रीवचन भूषण << तनियन् तिरुमन्त्र सम्पूर्ण वेद का सार हैं। तिरुमन्त्र में ३ शब्द ३ सिद्धान्तों को प्रकाशित करता हैं (अनन्यार्ह शेषत्व – केवल भगवान के शेष होकर रहना, अनन्य शरणत्व – उन्हीं के सर्वविध शरण रहना, अनन्य भोग्यत्व – भगवान के … Read more