अनध्ययन काल

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्रीवानाचलमहामुनये नमः अध्ययन याने पढ़ना/सीखना/दोहराना। वेदम को आचार्य की सन्निधि में उनके द्वारा सुनकर दोहराया जाता है। वेद मंत्रों को भी नित्यानुसन्धान के अंतर्गत पारायण किया जाता है। अनध्ययन याने पढ़ाई को रोकना। वर्ष के कुछ दिनों में वेदम का पाठ नहीं होता है। उस … Read more

कृष्ण लीलाएँ और उनका सार – ११ – अघासुर वध (उद्धार)

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्रीवानाचलमहामुनये नमः श्रृंखला << दधिपाण्डन द्वारा आशीर्वाद की प्राप्ति (मोक्ष प्राप्ति) जब श्रीकृष्ण लगभग पांच वर्ष के हुए, तब ग्वाल-बालों के साथ गैय्या-बछड़ों को लेकर ध्यानपूर्वक वन को जाते थे और वृन्दावन में हरियाली से आच्छादित वन हैं, वे वन में हंसते खेलते, इधर-उधर दौड़ते, … Read more

कृष्ण लीलाएँ और उनका सार – १० – दधिपाण्डन द्वारा आशीर्वाद की प्राप्ति (मोक्ष प्राप्ति)

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्रीवानाचलमहामुनये नमः श्रृंखला << वृन्दावन की ओर प्रस्थान, बहुत से असुरों का वध श्रीकृष्णावतार की लीलाओं में, बहुत मनोहर अनुभूति और अद्भुत सिद्धांतों का वर्णन हुआ है। उन लीलाओं में एक अद्भुत लीला जिसमें श्रीकृष्ण एक कुम्हार और उसके (दधि रखने के) पात्र को कैसे … Read more

कृष्ण लीलाएँ और उनका सार – ९ – वृन्दावन की ओर प्रस्थान, बहुत से असुरों का वध

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्रीवानाचलमहामुनये नमः श्रृंखला << यमलार्जुन को श्राप से मुक्ति गोकुल में निरन्तर उत्पात होने के कारण नन्दगोप और मन्त्रकुशल वृद्ध गोपों की मन्त्रों से गोकुल से वृन्दावन जाने का निश्चय किया। वे अनगिनत बैलगाड़ियों के द्वारा यात्रा करके वृन्दावन पहुँचे। वृन्दावन हरे भरे विशाल काननों … Read more

कृष्ण लीलाएँ और उनका सार – ८ – यमलार्जुन को श्राप से मुक्ति

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्रीवानाचलमहामुनये नमः श्रृंखला << माखन चोरी करना और पकड़े जाना इससे पहले की लीला में हमने अनुभव किया कि भगवान कृष्ण कैसे माता यशोदा के बंधन में बंध जाते हैं। जब बालकृष्ण को माता यशोदा ऊखल के साथ बांधकर अपने दधि मंथनादि कार्यों में व्यस्त … Read more

कृष्ण लीलाएँ और उनका सार – ७ – माखन चोरी करना और पकड़े जाना

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्रीवानाचलमहामुनये नमः श्रृंखला << यशोदा द्वारा कृष्ण के मुख में सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड के दर्शन नम्माऴ्वार (श्रीशठकोप स्वामी जी) तिरुविरुत्तम् में वर्णित करते हैं “सूट्टु नन्मालैगळ् तूयनवेन्दि विण्णोर्गळ् नन्नीराट्टि अन्दूबम् तरा निऱ्–कवे अङ्गु ओर् मायैयिनाल् ईट्टिय वॆण्णै तॊडु उण्णप्पॊण्दुमिलेट्रुवन् कून् कोट्टिडैयाडिनै कूत्तु अडलायर् तम् कॊम्बिनुक्के” कि … Read more

कृष्ण लीलाएँ और उनका सार – ६ – यशोदा द्वारा कृष्ण के मुख में सम्पूर्ण ब्रह्माण्ड के दर्शन

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्रीवानाचलमहामुनये नमः श्रृंखला << तृणावर्त उद्धार (वध) बालक कृष्ण और बलराम अब बहुत अच्छे से (घुटरूं) घुटनों के बल चलने लगे। वे घुटनों के बल चलते हुए, (रेंगते हुए) मिटृटी में खेले, और अपनी माताओं यशोदा माता व रोहिणी माता के पास लौट गए, उनकी … Read more

कृष्ण लीलाएँ और उनका सार – ५ – तृणावर्त उद्धार (वध)

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्रीवानाचलमहामुनये नमः श्रृंखला << शकटासुर वध आइए अब हम श्रीकृष्ण के (भूमिपर) बैठने की मुद्रा में की गई लीला को जानें। गोकुल में, एकबार कृष्ण भूमि पर बैठे थे। कंस के द्वारा भेजा गया एक तृणावर्त नामक दैत्य वहाँ आया। वह एक विशाल बवंडर रूप … Read more

कृष्ण लीलाएँ और उनका सार – ४ – (शकटासुर वध) शकट भञ्जन और उत्कच राक्षस का उद्धार

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्रीवानाचलमहामुनये नमः श्रृंखला << पूतनावध बालकृष्ण के पालने में सोते समय की एक और लीला शकटासुर का वध है। आऴ्वारों ने कई स्थानों पर आनन्द पूर्वक वर्णन किया है। नम्माऴ्वार् (श्रीशठकोप स्वामी जी) ने इस लीला का आनन्द पूर्वक अनुभव करते हुए कहा है “तळर्न्दुम् … Read more

कृष्ण लीलाएँ और उनका सार – ३ – पूतनावध

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्रीवानाचलमहामुनये नमः श्रृंखला << सारांश श्रीकृष्ण का श्रीगोकुल में बहुत अच्छे से पालन-पोषण किया जा रहा था। माता यशोदा, श्रीनन्दगोप और गोपाङ्गनाऐं विधिपूर्वक रक्षा कर रहीं थीं। किसी प्रकार से कंस को यह पता चल गया कि यही श्रीकृष्ण हैं जो उसका वध कर देंगे। … Read more