चरमोपाय निर्णय – “श्री रामानुज स्वामीजी का अवतार रहस्य”

॥ श्री: ॥ ॥ श्रीमते रामानुजाय नमः ॥ ॥ श्रीमद्वरवरमुनयेनमः ॥ ॥ श्रीवानाचलमहामुनयेनमः ॥ ॥ श्रीवादिभीकरमहागुरुवेनमः ॥  चरमोपाय निर्णय  – “श्री रामानुज स्वामीजी का अवतार रहस्य”   भगवान ने कृष्णावतार में अर्जुन के माध्यम से चरमश्लोक का उपदेश दिया था, जिसमे भगवान को ही उपाय बताया गया है, उसी तरह श्री रामानुज स्वामीजी ने आचार्य … Read more

चरमोपाय निर्णय – “श्री रामानुज स्वामीजी के आचार्य द्वारा श्री रामानुज स्वामीजी में उद्धारकत्व को दर्शाना”

॥ श्री: ॥ ॥ श्रीमते रामानुजाय नमः ॥ ॥ श्रीमद्वरवरमुनयेनमः ॥ ॥ श्रीवानाचलमहामुनयेनमः ॥ ॥ श्रीवादिभीकरमहागुरुवेनमः ॥ “श्री रामानुज स्वामीजी के आचार्य द्वारा श्री रामानुज स्वामीजी में उद्धारकत्व को दर्शाना” आचार्य दिव्यसूक्तियों द्वारा रामानुज स्वामीजी के उद्धारकत्व का निम्न प्रकार से वर्णन किया गया है । श्री महापुर्ण स्वामीजी महापुर्ण स्वामीजी रामानुज स्वामीजी को मधुरांतकम … Read more

चरमोपाय निर्णय – उद्धारक आचार्य

॥ श्री: ॥ ॥ श्रीमते रामानुजाय नमः ॥ ॥ श्रीमद्वरवरमुनयेनमः ॥ ॥ श्रीवानाचलमहामुनयेनमः ॥ ॥ श्रीवादिभीकरमहागुरुवेनमः ॥ उद्धारक आचार्य जैसे हमने पहिले देखा कि आचार्य दो प्रकार के होते है, उद्धारक आचार्य और उपकारक आचार्य । उद्धारक आचार्य याने जो इस संसार के भव बंधन को छुड़ाकर परमपद दिलाते हैं। उद्धारकत्व तीन विभूतियों में विद्यमान … Read more

चरमोपाय निर्णय- तिरूमुडी संबंध

तिरूमुडी संबंध ॥ श्री: ॥ ॥ श्रीमते रामानुजाय नमः ॥ ॥ श्रीमद्वरवरमुनयेनमः ॥ ॥ श्रीवानाचलमहामुनयेनमः ॥ ॥ श्रीवादिभीकरमहागुरुवेनमः ॥     श्री शठकोप स्वामीजी अपनी निर्हेतुक कृपा से सहस्त्रगीती का उपदेश करते है । (श्री नाथमुनी स्वामीजी ने १२००० बार कन्नीण शिरताम्बू का पारायण किया जिससे श्री शठकोप स्वामीजी ने प्रसन्न होकर उनको दिव्य प्रंबंध … Read more

चरमोपाय निर्णय – स्मरण एवं प्रार्थना

॥ श्री: ॥ ॥ श्रीमते रामानुजाय नमः ॥ ॥ श्रीमद्वरवरमुनयेनमः ॥ ॥ श्रीवानाचलमहामुनयेनमः ॥ ॥ श्रीवादिभीकरमहागुरुवेनमः ॥     श्री नायनाराच्चान् पिल्लै   स्वामीजी का तनियन श्रुत्यर्थ सारजनकं स्मृतीबालमित्रम  पद्मोंल्लसद् भगवदङ्ग्रि पूराण बन्धुम ज्ञानाधिराजम अभयप्रदराज पुत्रम अस्मदगुरुम परमकारुणिकं नमामी ||   श्रीनायनाराचान पिल्लैजिन्होने श्री वेदों की सारतम बातों को बताया,जो सूर्य के समान तेजोमय हैं, … Read more

चरमोपाय निर्णय – प्रस्तावना

श्रीवैष्णव संप्रदाय में आचार्य के श्रीचरणारविन्दो को चरमोपाय बताया गया है। चरम याने अंतिम, उपाय याने उपेय की प्राप्ति का साधन । अपने पूर्वाचार्यों ने यह बताया है कि अपने अंतिम लक्ष की प्राप्ति के लिये आचार्य के चरणारविन्दो को ही उपाय के रूप में स्वीकार करना चाहीये । श्री आंध्रपूर्ण स्वामीजी बताते है की … Read more

charamOpAya nirNayam – summary of events

sri: srimathE rAmAnujAya nama: srimadh varavaramunayE nama: sri vAnAchala mahAmunayE nama: Links Original text of this grantham can be read at: https://docs.google.com/open?id=0ByVemcKfGLucS1NQajNnR04yeDg.  All articles of this series can be read at: https://granthams.koyil.org/charamopaya-nirnayam-english/.  ebook containing all the articles in this series – https://docs.google.com/open?id=0ByVemcKfGLucVHc2cVFfZHA4c0k.  A summary of all events that are identified in this divine grantham. nAyanArAchAn … Read more

charamOpAya nirNayam – conclusion

sri: srimathE rAmAnujAya nama: srimadh varavaramunayE nama: sri vAnAchala mahAmunayE nama: In the last 3 articles (https://granthams.koyil.org/2012/12/charamopaya-nirnayam-ramanujar-our-saviour-1/,  https://granthams.koyil.org/2012/12/charamopaya-nirnayam-ramanujar-our-saviour-2/, https://granthams.koyil.org/2012/12/charamopaya-nirnayam-ramanujar-our-saviour-3/) we have fully enjoyed emperumAnAr‘s uththArakathvam. Now, we will continue on with the concluding section of this wonderful grantham. Note: This concluding section is fully based on many pAsurams from thiruvangathu amudhanAr’s rAmAnusa nURRanthAdhi. This divine … Read more

charamOpAya nirNayam – rAmAnujar our saviour – 3

sri: srimathE rAmAnujAya nama: srimadh varavaramunayE nama: sri vAnAchala mahAmunayE nama: In the previous article (https://granthams.koyil.org/2012/12/charamopaya-nirnayam-ramanujar-our-saviour-2/) we have seen emperumAnAr‘s uththArakathvam revealed by many. Now, we will continue on with the next section where more such idhihyams revealing emperumAnAr‘s uththArakathvam are explained. Once when embAr was walking around meditating on emperumAn’s divine qualities, bhattar sees … Read more

charamOpAya nirNayam – rAmAnujar our saviour – 2

sri: srimathE rAmAnujAya nama: srimadh varavaramunayE nama: sri vAnAchala mahAmunayE nama: In the previous article (https://granthams.koyil.org/2012/12/charamopaya-nirnayam-ramanujar-our-saviour-1/) we have seen emperumAnAr’s uththArakathvam revealed by many. Now, we will continue on with the next section where more such idhihyams revealing emperumAnAr‘s uththArakathvam are explained.   Once, aruLALa perumAL emperumAnAr‘s sishyas ananthAzhwAn, echAn, thoNdanUr nambi and marudhUr nambi … Read more