वरदराज भगवान् आविर्भाव कि कहानी ११ – १

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः वरदराज भगवान् आविर्भाव कि कहानी << भाग १० – २ ब्रह्मा देवतओं के सर्वोच्च नेता को देखने के लिए तीव्र आग्रह के साथ तपस्या कर रहे थे! वशिष्ट, मारिची और समान रूप से महान विद्वानो के सात अपरिमित ज्ञानी यग्न में भागी थे I यज्ञ के वीक्षण … Read more

वरदराज भगवान् आविर्भाव कि कहानी १० – २

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः वरदराज भगवान् आविर्भाव कि कहानी << भाग १० – १ मुकुंध नायकन वेलुकै के भगवान का शीर्षक है, जो सिंह और मनुष्य का मिश्रण है। मुकुंद का अर्थ है कि जो सांसारिक जीवन की व्याधी (रोग) से मुक्त होने के लिए मोक्ष या मुक्ति प्रदान करते … Read more

वरदराज भगवान् आविर्भाव कि कहानी १० – १

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः वरदराज भगवान् आविर्भाव कि कहानी << भाग ९ असुर यागशाला को लूटने के लिए तरस रहे थे , ब्रह्मा के इस याग को ध्वंस करके, भगवान के पवित्र रूप का दर्शन करने की अभिलाषा और अपने पद को संरक्षित रखने की कामना को नाश करने के लिए लालस … Read more

वरदराज भगवान् आविर्भाव कि कहानी ९

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः वरदराज भगवान् आविर्भाव कि कहानी << भाग ८ दीप प्रकाश….. तिरुत्तणका,  कांची में यह दिव्य पवित्र स्थल आज के दिन भी उनका निवासस्थान है। यह नाम इसलिए दिया गया है क्योंकि वहां कई बगीचे और नंदवन हैं जो इस जगह को ठंडा रखते हैं। यह श्री … Read more

वरदराज भगवान् आविर्भाव कि कहानी ८

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः वरदराज भगवान् आविर्भाव कि कहानी << भाग ७ वशिष्ट से कारण जानके, ब्रह्मा व्याकुल हुए, नहीं जानते कि क्या करना है। इस स्थल को तत्काल तैयार किया गया था, अलंकार किया गया था और निमंत्रण भेजे गए थे। शुभारंभ करने के लिए प्रतीक्षा कर रहे थे। तो … Read more

वरदराज भगवान् आविर्भाव कि कहानी ७

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः वरदराज भगवान् आविर्भाव कि कहानी << भाग ६ ब्रह्मा के बुलावे पर  विश्वकर्मा तुरन्त उपस्थित हुए I उन्हें इस पवित्र स्थान को सुंदर और सुशोभित करने का कार्य सौंपा गया था I उन्होंने भी इस महान अवसर को स्वेच्छा से स्वीकार कर लिया। ब्रह्मा समझाने लगे I “पर्याप्त संख्या … Read more

वरदराज भगवान् आविर्भाव कि कहानी ६

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः वरदराज भगवान् आविर्भाव कि कहानी << भाग ५ “सेतुर् यग्ये सकल जगताम् एक सेतुः स देव ॥” निर्विवाद रूप से प्रसिद्ध तोण्डै प्रान्त की भव्यता (चेन्नई/कांचीपुरम प्रान्त)…… ब्रह्माण्ड पुराण वरदराज भगवान (पेररुळाळन्) की श्रेष्ठता और बुलंद तिरु हस्ति पर्वत की प्रतिष्ठा प्रकट करता हैI उस पुराण … Read more

वरदराज भगवान् आविर्भाव कि कहानी ५

श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः वरदराज भगवान् आविर्भाव कि कहानी << भाग ४ सर्वव्यापी भगवान् से चौदह लोकों के अधिपति के रूप में ब्रह्मा नियुक्त होने पर भी, देवताओं के गुरु का श्राप के परिणाम वशात उन्हें धरती पर भटकना पड़ा I अपनी पदवी से हटाने से कौन दुःखी और परेशान नहीं होगा, और … Read more

Story of varadha’s emergence 15-2

SrI:  SrImathE SatakOpAya nama:  SrImathE rAmAnujAya nama: SrImadh varavaramunayE nama: Story of varadha’s emergence << Part 15-1 brahmA prayed to God that benevolence personified God should dwell permanently in thiru aththigiri standing as a Light that will be venerated by posterity. And breezed past from God’s mouth the words “So be it”… brahmA too wished … Read more

வரதன் வந்த கதை 15-2

ஸ்ரீ:  ஸ்ரீமதே சடகோபாய நம:  ஸ்ரீமதே ராமாநுஜாய நம:  ஸ்ரீமத் வரவரமுநயே நம: வரதன் வந்த கதை << பகுதி 15-1 திருவத்தி மாமலையில் என்றென்றும் நின்று “பின்னானார் வணங்கும்  சோதியாய்” பேரருளாளன் திகழ்ந்திட வேண்டும் என்று பிரமன் இறைஞ்சிடவும், அப்படியே ஆகட்டும் என்று திருவாய் மலர்ந்தருளினான் பகவான் ! பிரமனுக்குக் காஞ்சியிலேயே தங்கிவிட ஆசை ! இந்த ஆரமுதைப் பருகிக் களித்தவன்; மீண்டும் ஸத்யலோகம் செல்ல மனமில்லாதவனாய்,  “வேழமலை வேந்தனிடம் ” நித்தியமும் கைங்கர்யங்களைச் செய்து … Read more