आल्वार तिरुनगरी वैभव – उत्सव

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचल महामुनये नम: आल्वार तिरुनगरी वैभव << सन्निधी प्रतिदिन ताम्रपर्णी नदी से जल लाकर श्रीशठकोप स्वामीजी का तिरुमंजन करते हैं। पूर्ण: वर्ष में भगवान, अम्माजी, आलवार और आचार्य के कई उत्सव होते हैं। हम इस विषय में अब अधीक सीखेंगे। प्रति माह में होनीवाली पालकी … Read more

आल्वार तिरुनगरी वैभव – सन्निधी

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचल महामुनये नम: आल्वार तिरुनगरी वैभव << श्रीवरवरमुनि स्वामीजी का इतिहास और वैभव यहा हम आदिनाथ भगवान के मन्दिर के अंदर की सन्निधि (पवित्र तीर्थ), परिक्रमा मार्ग आनेवाली सन्निधी, मंदिर के बाहर की सन्निधि, मठ और तिरुमाली को जानेंगे। आदिनाथ भगवान के मन्दिर के भीतर की … Read more

आल्वार तिरुनगरी वैभव – श्रीवरवरमुनि स्वामीजी का इतिहास और वैभव

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचल महामुनये नम: आल्वार तिरुनगरी वैभव << श्री शठकोप स्वामीजी कि यात्रा हम पहले ही जान चुके हैं कि श्रीशैलेश स्वामीजी ने आल्वार तिरुनगरी का पुनर्निर्माण किया और भगवान आदिनाथ, श्रीशठकोप स्वामीजी और श्रीरामानुज स्वामीजी के नित्य कैकर्य की व्यवस्था की। आल्वार तिरुनगरी मे रहकर श्रीशैलेश … Read more

आल्वार तिरुनगरी वैभव – श्री शठकोप स्वामीजी कि यात्रा

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचल महामुनये नम: आल्वार तिरुनगरी वैभव << श्री शठकोप स्वामीजी का इतिहास और महानता आल्वार तिरुनगरी और श्रीशठकोप स्वामीजी के जीवन इतिहास मे, श्रीशठकोप स्वामीजी की यात्रा को एक महत्वपूर्ण घटना की तरह माना जाता है। हम एक हद तक इसे जानने की कोशिश करते है। … Read more

आल्वार तिरुनगरी वैभव – श्री शठकोप स्वामीजी का इतिहास और महानता

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचल महामुनये नम: आल्वार तिरुनगरी वैभव << प्राचीन इतिहास श्रीशठकोप स्वामीजी के अवतार के बाद तिरुक्कुरुगूर जिसे आदिक्षेत्र भी कहा जाता है और बाद मे आल्वार तिरुनगरी के नाम से प्रसिद्ध हुआ। अभी हम श्रीशठकोप स्वामीजी के इतिहास और महानता के विषय मे आनंद लेंगे।   भगवान … Read more

आल्वार तिरुनगरी वैभव – प्राचीन इतिहास

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचल महामुनये नम: आल्वार तिरुनगरी वैभव आल्वार तिरुनगरी, जिसे श्रीकुरुगापुरी क्षेत्र भी कहा जाता है, यह एक पुण्य क्षेत्र {धार्मिक स्थल} है जिसे आदि क्षेत्र भी कहा जाता है। इसे भगवान ने अपनी लीला के लिए बनाया था यही इसकी श्रेष्ठता है। ब्रम्हांड बनाने के … Read more