श्रीवचन भूषण – सूत्रं ६०
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्रीवानाचल महामुनये नम: पूरी श्रृंखला << पूर्व अवतारिका यह पूछे जाने पर कि “यदि प्रपत्ती साधन नहीं है तो क्या चेतन को लक्ष्य प्राप्त करने के लिए किसी भी वस्तु की आवश्यकता नहीं होनी चाहिए?” श्रीपिळ्ळै लोकाचार्य स्वामीजी दयापूर्वक उत्तर देते हैं। सूत्रं – ६० फलत्तुक्कु आत्म ज्ञानमुम् अप्रतिषेधमुमे … Read more