श्रीवचन भूषण – सूत्रं १२८
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्रीवानाचल महामुनये नम: पूरी श्रृंखला << पूर्व अवतारिका श्रीपिळ्ळै लोकाचार्य स्वामीजी कृपापूर्वक इसका कारण बताते हैं। सूत्रं – १२८ औषध सेवै पण्णादवर्गळुक्कु अभिमत वस्तुक्कळिले अत्तै कलसि इडुवारैप्पोले, ईश्वरनैक् कलन्दु विधिक्किऱदित्तनै। सरल अनुवाद जिस प्रकार लोग उन लोगों को प्रिय खाद्य पदार्थों में मिलाकर औषधि खिलाते हैं जो … Read more