श्रीवचन भूषण – सूत्रं १
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्रीवानाचल महामुनये नम: पूरी शृंखला पूर्व अवतारिका एक प्रमाता (शिक्षक को ग्तान प्रस्तुत करता हैं) प्रमाण (ज्ञान का स्रोत) के साथ हीं प्रमेय (ज्ञान का लक्ष्य) निर्धारित करता हैं। ऐसे प्रमाण प्रत्यक्षं से प्रारम्भ कर ८ प्रकार के हैं। प्रत्यक्षम् एकं चार्वाकाः कणाद सुगदौ पुनः।अनुमानञ्च तच्छात … Read more