कृष्ण लीलाएँ और उनका सार – ३८ – अन्य पाँच पत्नियाँ

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कृष्ण ने अन्य पाँच स्त्रियों से कैसे विवाह किया आइए जानते हैं। सभी आठ स्त्रियाँ श्रीकृष्णावतार में उनकी आठ पटरानियाँ हैं।

एकदा कृष्ण और अर्जुन आखेट के लिए वन को गए और यमुना जी में स्नान कर रहे थे। उसी समय उन्हें वहाँ एक सुन्दर स्त्री दिखाई दी। कृष्ण ने अर्जुन को उस स्त्री के पास परिचय जानने के लिए भेजा। अर्जुन ने उसके पास जाकर पूछा, “आप कौन हैं?” उसने कहा, “मैं सूर्य पुत्री कालिंदी हूँ। मैं केवल भगवान विष्णु से ही विवाह करुँगी। इसके लिए मैं तप कर रही हूँ।” अर्जुन ने यह संदेश कृष्ण को दिया। कृष्ण उन्हें अपने रथ पर बैठा कर युधिष्ठिर के यहाँ ले गए।

तत्पश्चात् कृष्ण और पाँचों पांडवों से अनुमति ले द्वारका की ओर प्रस्थान किया। वहाँ कृष्ण ने कालिंदी से विवाह किया।

इसके अतिरिक्त कृष्ण अपनी दूसरी बुआ राजादिदेवी की बेटी मित्रविंदा से विवाह करना चाहते थे। उसके भाई विन्ध्य और अनुविन्ध्य अवन्ति पर शासन कर रहे थे। उन्होंने अपनी बहन के लिए स्वयंवर (जहाँ कन्या स्वयं अपना वर चुनती है) की व्यवस्था की। परन्तु उन्होंने कृष्ण को उस कार्यक्रम में भाग लेने से रोक दिया। हालाँकि कृष्ण वहाँ गये, उस आयोजन में आए राजाओं के आँखों के सामने, उसे ले गए और विवाह कर लिया ।

तत्पश्चात् कोशल साम्राज्य के राजा, नग्नजित अपनी पुत्री सत्या उर्फ नग्नजिति के लिए एक योग्य वर ढूँढ रहे थे। उसके पास सात क्रूर बैल थे। उसने घोषणा की कि जो सात बैलों को वश में करेगा वही उसकी पुत्री से विवाह करेगा। कई राजकुमारों ने प्रयत्न किया परन्तु बैलों से घायल हो गये। यह जानकारी मिलने पर कृष्ण ने एक विशाल सेना लेकर कौशल राज्य की ओर प्रस्थान किया। नग्नजित ने श्रद्धापूर्वक स्वागत किया और उपहार दिया। सत्या के हृदय में कृष्ण के दर्शन कर विवाह करने की जिज्ञासा हुई। कृष्ण ने सातों बैलों को वश में करके विवाह किया। कुछ राजकुमारों के द्वारा हस्तक्षेप करने पर कृष्ण ने उनको परास्त किया। यह लीला नप्पिन्नै की लीला के समान है।

इसके अतिरिक्त कृष्ण की एक और बुआ श्रुतकीर्ति, जो कैकेय साम्राज्य की रानी थी उसकी भद्रा नामक एक बेटी थी। कृष्ण ने उसके भाइयों की अनुमति से उससे विवाह किया।

तत्पश्चात् कृष्ण मद्र की राजकुमारी लक्ष्मणा के स्वयंवर में गये और उससे विवाह किया।

इस प्रकार कृष्ण ने अपनी आठ पटरानियों रुक्मिणी, सत्यभामा, जाम्बवती, कालिंदी, मित्रविंदा, सत्या, भद्रा और लक्ष्मणा के साथ द्वारकाधीश के रूप में आनन्दपूर्वक रहे।

श्रीकृष्ण ने नरकासुर का वध और सोलह हजार एक सौ दिव्य स्त्रियों से विवाह किया, जिनको उसने बंदी बनाया हुआ था।

सार-

  • भगवान श्रीमन्नारायण की पटरानियों श्रीदेवी,भूदेवी और नीलादेवी ने रुक्मिणीपिराट्टि, सत्यभामा,और नप्पिन्नै या सत्या के रूप में अवतार लिया और श्रीकृष्ण से विवाह किया।
  • भगवान श्रीमन्नारायण सर्वश्रेष्ठ हैं। सभी आत्माएं उनकी पत्नी हैं। कुछ अवतारों में वे कुछ आत्माओं का चयन करते हैं और उनसे विवाह करते हैं। इस प्रकार उनको अपनी दिव्य पत्नी होने का महान पद प्रदान करते हैं।

अडियेन् अमिता रामानुजदासी 

आधार: https://granthams.koyil.org/2023/10/15/krishna-leela-38-english/

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