वरदराज भगवान् आविर्भाव कि कहानी १५ – २
श्रीः श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः वरदराज भगवान् आविर्भाव कि कहानी << भाग १५ – १ ब्रह्मा ने भगवान् से प्रार्थना की कि ईश्वरीय रूप से थिरु अथ्थिगिरी (तिरु अत्तिगिरि) में स्थायी रूप से रहें जो प्रकाश के रूप में खड़ा हो, जो भक्तों द्वारा पूजित हो। और भगवान के मुंह से … Read more