कृष्ण लीलाएँ और उनका सार – ३७ – खांडव वन का अग्निदहन, इंद्रप्रस्थ का निर्माण
। ।श्री: श्रीमते शठकोपाय नम: श्रीमते रामानुजाय नम: श्रीमत् वरवरमुनये नमः। । श्रृंखला << प्रद्युम्न का जन्म और इतिहास पाँच पांडव वन में निर्वासन के पश्चात् लौट आए हैं और एक वर्ष का अज्ञातवास कर रहे हैं यह सूचना प्राप्त करते ही कृष्ण सात्यकि और अन्य यादवों के साथ, उनसे मिलने इन्द्रप्रस्थ गये और पांडवो … Read more