श्रीवचन भूषण – सूत्रं ८३
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्रीवानाचल महामुनये नम: पूरी श्रृंखला << पूर्व अवतारिका अब, श्रीपिळ्ळै लोकाचार्य स्वामीजी लक्ष्मणजी के स्वभाव को विस्तारपूर्वक समझा रहे हैं, जो उनमें अग्रणी हैं जो उपेय (कैंकर्य) में स्थित होने के आदर्श हैं। सूत्रं – ८३ पसियराय् इरुप्पार् अट्ट सोऱुम् उच्च वेणुम् अडिगिऱ सोऱुम् उण्ण वेणुम् ऎन्नुमाप्पोले,काट्टुक्कुप् … Read more