आचार्य हृदयम् – १५
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्रीवानाचल महामुनये नमः श्रृंखला << आचार्य हृदयम् – १४ अवतारिका (परिचय) प्रश्न यह है कि, “जबकि भगवान गुणत्रय (सत्व,रज,तम) बंधक चेतनों को ध्यानपूर्वक शास्त्रों का प्रकटीकरण करते हैं, यदि वे उन बंधकों की रुचि अनुसार लक्ष्य और उपाय बतलाते हुए शास्त्रों का प्रकटीकरण करते हैं, तो क्या वे इस … Read more