प्रपन्नामृत – अध्याय ४१
प्रपन्नामृत – अध्याय ४१ धनुर्धरदास का उत्कर्ष 🔹रंगनाथ भगवान के ब्रह्मोत्सव के समाप्ति के दिन भगवान कावेरी स्नान के लिये पधारे तो रामानुजाचार्य भी वहाँ अपने अंतरंग शिष्य धनुर्धरदास के कंधे का सहारा लेकर उपस्थित हुये। 🔹ब्राह्मण शिष्योंने ईर्ष्या द्वेश उच्चकुलाभिमान के वशीभूत होकर यतिराज से इसका कारण पूछा। 🔹यतिराजनें स्पष्ट किया “विद्या, धन, कुल … Read more