प्रपन्नामृत – तृतीय अध्याय
पं. यादव प्रकाशाचार्य की सन्निधि में अध्ययन करते हुए श्री रामानुजाचार्य का राजकन्या को ब्रह्मराक्षस से मुक्ति दिलाना रामानुजाचार्य कांचीमें आकर समस्त शास्त्रोंका ज्ञान सम्पादन करने हेतु यादव प्रकाशाचार्य की सन्निधिमें प्रतिदिन अध्ययन करने लगें। रामानुजाचार्य की कुशाग्र बुद्धि को देखकर पं. यादव प्रकाशाचार्य ने अनुमान लगाया की यह शेष का अवतार है। उसी समय … Read more