श्रीवचन भूषण – सूत्रं ७८
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्रीवानाचल महामुनये नम: पूरी श्रृंखला << पूर्व अवतारिका जब उनसे पूछा गया कि “आप ऐसा कैसे कह सकते हैं? क्या कोई व्यक्ति अपने गाँव, कुल आदि से नहीं जाना जाता है जहाँ से वह आता है?” श्रीपिळ्ळै लोकाचार्य स्वामीजी दयापूर्वक उत्तर देते हैं। सूत्रं – ७८ ग्राम … Read more