यतीन्द्र प्रवण प्रभावम् – भाग ४०
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः यतीन्द्र प्रवण प्रभावम् << भाग ३९ तिरुमञ्जनमप्पा और भट्टर्पिरान् जीयर् श्रीवरवरमुनि स्वामीजी के शरण होते हैं प्रतिदिन श्रीवरवरमुनि स्वामीजी सूर्योदय से पहिले दिव्य कावेरी नदी में स्नान करने जाते।तिरुमञ्जनमप्पा जो पूर्णत: सत्व कैङ्कर्य में निरत थे और जो बिना कोई लाभ के श्रीरङ्गनाथ भगवान कि सन्निधी में … Read more