आचार्य हृदयम् – ६
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्रीवानाचल महामुनये नमः श्रृंखला << आचार्य हृदयम् – ५ अवतारिका (परिचय) जब यह प्रश्न पूछा गया, “इस अज्ञानता का मूल कारण क्या है?” तब इसका स्पष्टीकरण यहां दिया गया है। चूर्णिका – ६ इवट्रुक्कु कारणम् इरण्डिल् ऒन्ऱिनिल् ऒन्ऱुगैगळ्। सामान्य व्याख्या इसका (ज्ञान और अज्ञान का) कारण रजस और … Read more