प्रपन्नामृत – अध्याय ३१
प्रपन्नामृत – अध्याय ३१ श्री गोविन्दाचार्य का सन्यास ग्रहण 🔸गुरुदेव की सेवा ही भगवत सेवा तुल्य माननेवाले श्री गोविन्दाचार्यजी श्रीशैलपुर्णाचार्य स्वामीजी का स्मरण करके उनके समान ही श्री रामानुजाचार्यमें श्रद्धा रखते हुये अनन्य भावसे उनकी अहर्निश सेवा करने लगे। 🔸एकबार गोविन्दाचार्य की माँ आकर उनसे कहने लगी की अब तुम्हारी पत्नी ॠतुमति हुयी है अत: … Read more