श्रीवचन भूषण – सूत्रं १०९
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्रीवानाचल महामुनये नम: पूरी श्रृंखला << पूर्व अवतारिका श्रीपिळ्ळै लोकाचार्य स्वामीजी उस विरोधाभास को दर्शा रहे हैं जो तब उत्पन्न होगा जब उनके द्वारा पहले समझाया गया सिद्धांत स्वीकार नहीं किया जायेगा। सूत्रं – १०९ इप्पडिक् कॊळ्ळादप्पोदु, गुणहीनमॆन्ऱु निनैत्त दशैयिल् भगवत् विषय प्रवृत्तियुम्, दोषानुसंधान दशैयिल् सम्सारत्तिल् … Read more