आचार्य हृदयम् – ९
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्रीवानाचल महामुनये नमः श्रृंखला << आचार्य हृदयम् – ८ अवतारिका (परिचय) इनके कारण ये बताए गए हैं। चूर्णिका – ९ कर्मकृपाबीजम् पॊय्न्निन्ऱ अरुळ् पुरिन्द ऎन्गिऱ अविद्या सौहार्दङ्गळ् । सामान्य व्याख्या कर्म का कारण अर्थात् आत्मा का अज्ञान (अविद्या) है और कृपा का मूल कारण अर्थात् भगवान का कृपालु … Read more