कष्ण लीलाएँ और उनका सार – ५६ – महाभारत युद्ध – भाग ३
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद् वरवरमुनये नमः श्रीवानाचल महामुनये नमः श्रृंखला << महाभारत युद्ध – भाग २ कृष्ण ने सर्वश्रेष्ठ योद्धा द्रोण को मारने की विधि पांडवों को सिखाई। द्रोण को अपने पुत्र अश्वत्थामा से बहुत प्रेम था। यदि वह मारा गया तो द्रोण स्वयं ही शक्तिहीन हो जाएगा। परन्तु वह चिरञ्जीव … Read more