यतीन्द्र प्रवण प्रभावम् – भाग ८०
श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः यतीन्द्र प्रवण प्रभावम् << भाग ७९ कोमण्डूर् इळैयाऴ्वार् पिळ्ळै और रामानुज दास ने यात्रा प्रारम्भ किये जब चक्रवर्ती भगवान श्रीराम अपनी चरण पादुका भाई भरत को दिये तब लक्ष्मणजी को वें नहीं प्राप्त हुई। जब कोमण्डूर् इळैयाऴ्वार् पिळ्ळै जिनका दिव्य नाम लक्ष्मण हैं को श्रीवरवरमुनि स्वामीजी कि … Read more