यतीन्द्र प्रवण प्रभावम् – भाग ८५
श्री:श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः यतीन्द्र प्रवण प्रभावम् << भाग ८४ अयोध्या रामानुज अय्यङ्गार् कन्दाडै अण्णन् के शरण होते हैं रामानुज दास ने श्रीअयोध्या रामानुज अय्यङ्गार् को देखकर उन्हें कहा “श्रीमान के दिव्य निर्देशानुसार दास ने बद्रीकाश्रम और अन्य स्थानों पर कैङ्कर्य करने कि विधी श्रीअयोध्या रामानुज अय्यङ्गार् को सिखाये और उसके माध्यम … Read more