यतीन्द्र प्रवण प्रभावम् – भाग ८५

श्री:श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः यतीन्द्र प्रवण प्रभावम् << भाग ८४ अयोध्या रामानुज अय्यङ्गार् कन्दाडै अण्णन् के शरण होते हैं  रामानुज दास ने श्रीअयोध्या रामानुज अय्यङ्गार् को देखकर उन्हें कहा “श्रीमान के दिव्य निर्देशानुसार दास ने बद्रीकाश्रम और अन्य स्थानों पर कैङ्कर्य​ करने कि विधी श्रीअयोध्या रामानुज अय्यङ्गार् को सिखाये और उसके माध्यम … Read more

यतीन्द्र प्रवण प्रभावम् – भाग ८४

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः यतीन्द्र प्रवण प्रभावम् << भाग ८३ कन्दाडै अण्णन् तिरुमला के लिये प्रस्थान करते हैं  श्रीवरवरमुनि स्वामीजी कन्दाडै अण्णन् स्वामीजी पर कृपाकर अनुग्रह किये और उनसे पूछे “क्या आप श्रीमान को श्रीवेङ्कटेश भगवान का मङ्गळाशासन् नहीं करना चाहिये?” अप्पिळ्ळै जो निकट में थे ने उत्तर दिया “क्या कन्दाडै … Read more

यतीन्द्र प्रवण प्रभावम् – भाग ८३

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः यतीन्द्र प्रवण प्रभावम् << भाग ८२ कोयिल् में आगे की घटनाएँ जिस दिन श्रीवेङ्कटेश​ भगवान ने तिरुमलै अय्यङ्गार् को तिरुमला में कैङ्कर्य करने को कहा उस दिन श्रीवरवरमुनि स्वामीजी श्रीसहस्रगीति के ३.३ दशक ओऴिविल्कालमेल्लम् उडनाय् मन्नि व​ऴुविला अडिमै सेय्य वेण्डुम् नाम्  (बिना रूके हमे निरंतर दोषरहित कैङ्कर्य … Read more

यतीन्द्र प्रवण प्रभावम् – भाग ८२

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः यतीन्द्र प्रवण प्रभावम् << भाग ८१ तनियन् के अवतार के मास, वर्ष आदि का वर्णन करना  फिर श्रीअयोध्या रामानुज अय्यङ्गार् ने इळैयाऴ्वार् पिळ्ळै को तनियन् के अवतार और वाऴित्तिरुनामम् के तारिक और मास के विषय में पूछा। इळैयाऴ्वार् पिळ्ळै ने यह पाशुर को गाया  नल्लदोर् परिताबि वरुडन्दन्निल् … Read more

यतीन्द्र प्रवण प्रभावम् – भाग ८१

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः यतीन्द्र प्रवण प्रभावम् << भाग ८० इळैयाऴ्वार पिळ्ळै  से श्रीशैलेश दयापात्रम्  सुनने के पश्चात रामानुज अय्यङ्गार् और अन्य अचंभे में थे।  जज्ज्ञेऽमुनास्वप्न निवेदितम्हियत् कथं बदर्याश्रम नित्य वासिना।प्राकाशि मन्त्रार्थमिदं मुरद्विषेद्ययोध्या रामानुज आविसिष्मये॥ (श्रीअयोध्या रामानुज अय्यङ्गार्  यह आश्चर्य कर रहे थे कि कैसे यह तनियन् जो भगवान मुरारी (श्रीकृष्ण … Read more

यतीन्द्र प्रवण प्रभावम् – भाग ८०

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः यतीन्द्र प्रवण प्रभावम् << भाग ७९ कोमण्डूर् इळैयाऴ्वार् पिळ्ळै  और रामानुज दास ने यात्रा प्रारम्भ किये  जब चक्रवर्ती भगवान श्रीराम अपनी चरण पादुका भाई भरत को दिये तब लक्ष्मणजी को वें नहीं प्राप्त हुई। जब कोमण्डूर् इळैयाऴ्वार् पिळ्ळै जिनका दिव्य नाम लक्ष्मण हैं को श्रीवरवरमुनि स्वामीजी कि … Read more

आल्वार तिरुनगरी वैभव – श्रीवरवरमुनि स्वामीजी का इतिहास और वैभव

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचल महामुनये नम: आल्वार तिरुनगरी वैभव << श्री शठकोप स्वामीजी कि यात्रा हम पहले ही जान चुके हैं कि श्रीशैलेश स्वामीजी ने आल्वार तिरुनगरी का पुनर्निर्माण किया और भगवान आदिनाथ, श्रीशठकोप स्वामीजी और श्रीरामानुज स्वामीजी के नित्य कैकर्य की व्यवस्था की। आल्वार तिरुनगरी मे रहकर श्रीशैलेश … Read more

आल्वार तिरुनगरी वैभव – श्री शठकोप स्वामीजी कि यात्रा

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचल महामुनये नम: आल्वार तिरुनगरी वैभव << श्री शठकोप स्वामीजी का इतिहास और महानता आल्वार तिरुनगरी और श्रीशठकोप स्वामीजी के जीवन इतिहास मे, श्रीशठकोप स्वामीजी की यात्रा को एक महत्वपूर्ण घटना की तरह माना जाता है। हम एक हद तक इसे जानने की कोशिश करते है। … Read more

आल्वार तिरुनगरी वैभव – श्री शठकोप स्वामीजी का इतिहास और महानता

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचल महामुनये नम: आल्वार तिरुनगरी वैभव << प्राचीन इतिहास श्रीशठकोप स्वामीजी के अवतार के बाद तिरुक्कुरुगूर जिसे आदिक्षेत्र भी कहा जाता है और बाद मे आल्वार तिरुनगरी के नाम से प्रसिद्ध हुआ। अभी हम श्रीशठकोप स्वामीजी के इतिहास और महानता के विषय मे आनंद लेंगे।   भगवान … Read more

आल्वार तिरुनगरी वैभव – प्राचीन इतिहास

श्री: श्रीमते शठकोपाय नमः श्रीमते रामानुजाय नमः श्रीमद्वरवरमुनये नमः श्री वानाचल महामुनये नम: आल्वार तिरुनगरी वैभव आल्वार तिरुनगरी, जिसे श्रीकुरुगापुरी क्षेत्र भी कहा जाता है, यह एक पुण्य क्षेत्र {धार्मिक स्थल} है जिसे आदि क्षेत्र भी कहा जाता है। इसे भगवान ने अपनी लीला के लिए बनाया था यही इसकी श्रेष्ठता है। ब्रम्हांड बनाने के … Read more